इंडियन प्रीमियर लीग में अब 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इसलिए आईपीएल के फाइनल में पहुंचने वाली दो टीमों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आईपीएल में फाइनल जीतने के लिए हर एक टीम को बहुत संघर्ष करना पड़ता है। तो चलिए देखते हैं ऐसा ही कुछ आईपीएल के संघर्ष जिसमें आईपीएल के फाइनल में सबसे कम स्कोर का बचाव करने वाली टीमों के संघर्ष की कहानी।
मुंबई इंडियंस बनाम राइजिंग पुणे सुपरजायंट

आईपीएल 2017 के फाइनल मैच में मुंबई इंडियंस (MI) की टीम ने केवल 129 रन ही बनाए थे। यह रनों का पीछा करने के लिए राइजिंग पुणे सुपरजायंट मैदान में उतरी थी, तब उन्होंने केवल 128 रन ही बना पाए थे। मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 2017 का फाइनल मुकाबला केवल एक रन से ही जीता था, जो आईपीएल इतिहास में फाइनल में सबसे कम स्कोर का बचाव करने का रिकॉर्ड बना था।
डेक्कन चार्जर्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

डेक्कन चार्जर्स (DCH) की टीम ने आईपीएल 2009 के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के खिलाफ 143 रन बनाए थे। यह रनों का पीछा करने जब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम उतरी थी, तब 20 ओवर में RCB की टीम 137 रन ही बना पाई थी। डेक्कन चार्जर्स ने आईपीएल 2009 का फाइनल मुकाबला 6 रनों से जीता था। डेक्कन चार्जर्स आईपीएल 2009 फाइनल में दूसरा सबसे कम स्कोर का बचाव करने में सफल टीम रही थी।
मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स

आईपीएल 2013 के फाइनल में मुंबई इंडियंस (MI) की टीम ने 20 ओवर में 148 रन बनाए थे। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम जब रनों का पीछा करने उतरी थी, तब 20 ओवर में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की टीम 125 रन ही बना पाई थी। मुंबई इंडियंस ने आईपीएल 2013 का फाइनल मुकाबला 23 रनों से जीता था। आईपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स के सामने फाइनल में यह सबसे कम रनों का बचाव है।
मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स

मुंबई इंडियंस की टीम ने आईपीएल 2019 में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ फाइनल में 149 रन बनाए थे। उसके उत्तर में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 148 रन बना पाई थी। मुंबई इंडियंस ने यह फाइनल मुकाबला केवल एक रन से ही जीता था। मुंबई इंडियंस की टीम ने आईपीएल के फाइनल में दूसरी बार चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कम रनों का बचाव किया था।